Matthew 5:38-48

बदला लेय के बारे म उपदेस

(लूका 6:29-30)

38“तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘आंखी के बदला म आंखी अऊ दांत के बदला म दांत।’
निरगमन 21:23-24
39पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि दुस्‍ट मनखे के सामना झन करव। यदि कोनो तुम्‍हर जेवनी गाल म थपरा मारथे, त अपन डेरी गाल ला घलो ओकर अंग कर देवव। 40अऊ यदि कोनो तुम्‍हर ऊपर मुकदमा चलाके तुम्‍हर कुरता ला लेय चाहथे, त तुमन ओला अपन कोटी ला घलो लेवन दव। 41यदि कोनो तुमन ला जबरदस्‍ती एक मील ले जाथे, त तुमन ओकर संग दू मील चले जावव। 42जऊन ह तुम्‍हर ले मांगथे, ओला देवव, अऊ जऊन ह तुम्‍हर ले उधार मांगथे, ओला उधार देवव।”

बईरीमन बर मया

(लूका 6:27-28, 32-36)

43“तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘अपन पड़ोसी ले मया, अऊ बईरीमन ले नफरत करव।’ 44पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि अपन बईरीमन ले मया करव, अऊ जऊन मन तुम्‍हर ऊपर अतियाचार करथें, ओमन बर पराथना करव।
निरगमन 23:4-5
45ताकि तुमन अपन स्वरगीय ददा के संतान बन जावव। ओह खराप अऊ बने दूनों मनखेमन ऊपर अपन सूरज चमकाथे, अऊ धरमी अऊ अधरमी दूनों के ऊपर पानी बरसाथे। 46यदि तुमन ओमन ला मया करथव, जऊन मन तुम्‍हर ले मया करथें, त तुमन ला का इनाम मिलही? लगान लेवइया पापीमन घलो अइसने करथें। 47यदि तुमन सिरिप अपन भाईमन ला ही जोहार करथव, त आने मन ले तुमन का बड़े बुता करथव? का आनजातमन घलो अइसने नइं करंय? 48एकरसेति, तुमन सिद्ध बनव, जइसने स्‍वरग म रहइया तुम्‍हर ददा ह सिद्ध अय।”

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